मैने सोचा क्यों ना एक हिन्दी की कमिटी ऑरकुट में हो.. तभी पाता किया बाराहा.कॉम का.. डॉन्लोड करो यह सोफ़्तवॅर ऍडं गर्व मह्सूस करो हिन्दी होने का । मैं समझता हूं की हिन्दी या देवनागरी ही एक भाशा है जिसका आधार ना की कोई रटने वाली वणमाला है पर एक सोची समझे अध्यनों द्वारा विक्सित की गयी प्रणाली है । अगर आप ध्यान से परखें तो आप जानें गे की हिन्दी की वणमाला का पेहला अक्छर 'क' आप की गले की भीतर से निकलता है और वणमाला का आख्ररी अक्छर 'ह' होटों से हवा छोङने पर निकलता है । इसी तरह बीच के सभी अक्छर हमारी स्वर निकालने की शमता पे आधारित है । इस से ज्यादा खोज यार मेरे बस की शायद बात नाही है.. क्यों शायद यह हुनर आप में है ;) मैने इतनी महनत कभी अंग्रेजी लिखने में कभी नही की .. पर अंग्रेजी में पले बङे हम हिन्दी के लिये शायद यही सही है.. go to
http://www.baraha.com/.. if u r not getting above fonts go to above site & believe me an effort wont go waste.
3 comments:
man!..kudos to you fr diggin dat out!!....
Felt gud reading it...nd yes..did get it too...
D link doesnt work though :( ..
Lekin acha laga sir..aur guptaji,aise cheezo ki umeed sirf aap hi se kar sakte hai :)
corrected ... :)
GUPTA JI !!!!!!!!!!!!!
Post a Comment